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बंगला नम्बर 2017 पार्ट 4

"""हाहाहाहाहाहा""

उधर दूसरी तरफ राम, अपनी साइट पर बिल्डिंग का काम देख रहा है, तभी उसके पास, उसकी पत्नी का फोन आता है और वह घबराती हुई कहती है -"राम"! "पापा, सुबह से वापस नहीं आए हैं और वह, अपना फोन भी नहीं उठा रहे हैं, मुझे बहुत डर लग रहा है"!

"तुम घबराओ मत, मैं उन्हें ढूंढ कर लाता हूं"! राम ने सांत्वना देते हुए कहा

राम अपने मैनेजर के साथ, वापस "बंग्ला नंबर 217" पर आता है और देखता है, वहां ताला खुला हुआ है

फिर वह दोनों घर के अंदर आते हैं और इधर-उधर कमरों मे ढूंढने लगते हैं

फिर राम को अपने ससुर दिखाई देते हैं, वह शतरंज खेल रहे हैं, उनके हाव-भाव से ऐसा लग रह रहा है, जैसे वह किसी साथ है और उससे बातें कर रहे हैं पर राम को उनके अलावा, कोई और दिखाई नहीं दे रहा है

"ससुर जी, आप, अकेले यहां क्या कर रहे हो"? राम ने पूछा

"लो,कर लो बात, शतरंज एक व्यक्ति का खेल नहीं है, जमाई जी, तुम्हें, सामने बैठी ब्यूटीफुल गर्ल, दिखाई नहीं दे रही है"! ससुर ने कहा

"यह चुड़ैल भगाने आया था ओर खुद ही चिपक गया"! मेनेजर ने मन में कहा

ससुर का बजता हुआ, मोबाइल उठाकर, राम कहता है -"36, मिस कॉल पड़े हैं, आपने एक भी फोन नहीं उठाया, मैं और जानकी, कितने परेशान हुए, आपको पता है"! राम ने कहा

"अरे,,,सॉरी बेटा"! "शतरंज का खेल ही ऐसा है, नजर हटी, दुर्घटना घटी, इसीलिए फोन पर ध्यान नहीं दे पाया"! ससुर ने बताया

'शाम के 5:00 बज गए हैं, चलो,, घर चलते हैं"! राम ने शतरंज खेलते हुए ससुर से कहा

"ओह,,,यह बाजी भी हार गया, सुबह से 20 बाजी हार चुका हूं, बहुत स्मार्ट, लड़की हो तुम, अब चलता हूं, नहीं तो मेरे जमाई और मेरी बेटी, नाराज हो जाएंगे, कल फिर आऊंगा और तुम्हें हराकर रहूंगा"! ससुर ने कहा

अपने ससुर की यह अजीब हरकतें देखकर, राम मन मे सोचता है -"लगता है, मेरे ससुर को किसी ने डरा दिया होगा, इसीलिए डर के मारे, इनके दिमाग के नट बोल्ट ढीले हो गए हैं"!

"बाय-बाय,, संध्या"! ससुर ने राम के साथ जाते हुए कहा

संध्या नाम सुनते ही, राम पलटता है और उस खाली कुर्सी की तरफ देखता है, जैसे ही स्लो मोशन में अपनी पलके झपकता है, तो उसे अपने अतीत से जुड़ी, किसी लड़की की जुल्फे दिखाई देती है, ऐसा तीन बार होता है, यह कौन है"? और यह किसकी यादें हैं, यह राम को स्मरण नहीं है

राम को यह यादें, बहुत अच्छी लगती है

पर जब राम का हाथ पकड़ कर ससुर कहता है -"उधर क्या देख रहे हो"? "पहले लड़की नहीं देखी क्या"? "वह मेरी बेस्ट फ्रेंड है, उस पर लाइन मत मारो, जमाई जी, नहीं तो जानकी को बता दूंगा"!

ससुर जी की यह बात सुनकर, राम का ध्यान भंग हो जाता है और वह नॉर्मल स्थिति में आ जाता है

फिर वह तीनों वहां से घर आते हैं

अपने पापा को सुरक्षित देखकर, जानकी की जान में जान आती है और वह उसके पापा को डांटते हुए कहती है -"आप इतने बड़े हो गए हो, पर बच्चे के बच्चे ही हो, कहां चले गए थे"?

'भूतनी के साथ, शतरंज खेल रहे थे"? मैनेजर ने बताया

"क्या"? जानकी आश्चर्य से पूछा

तभी राम मैनेजर के गाल पर एक तमाचा मारता है और आंखें दिखा कर कहता है "बहुत बड़ा मच्छर था, अगर काट खाता तो डेंगु हो जाता"!

मैनेजर समझ जाता है, उसे यह थप्पड़ क्यों पड़ा है

"मच्छर मारने का यह कौन सा तरीका है, आराम से भी मार सकते थे, सॉरी बोलो, मैनेजर जी को"! जानकी ने डाटते हुए कहा

"सॉरी"! "मैनेजर साहब"! राम ने हाथ जोड़कर कहा

तभी फोन बजता है मैनेजर फोन निकाल कर कहता है -"सर"! "ठेकेदार साहब का फोन आ रहा है"!

राम फोन देखता है, यह ठेकेदार का नहीं, उसके गांव के दोस्त पप्पू बेवड़े का है, अपने मैनेजर की यह समझदारी देखकर राम कहता है -"आ गई, अक्ल,,अब अगले महीने मैनेजर नहीं बदलूंगा"!

फिर वह उन सभी से दूर जाकर फोन उठाता है

"तूने तो कहा था कि, आज के बाद, तुझे फोन नहीं लगाऊंगा, फिर आज कैसे याद आ गई"? राम ने ताना मारते हुए कहा

"कोई याद-वाद नहीं आई है, शहर आया था तो सोचा, भाभी के पांव छूकर, माफी मांग लेता हूं"! पप्पू ने कहा

"अपने साथ, कितने लफंगों को लेकर आया है"? राम ने पूछा

'मेरे साथ तो कोई नहीं है"! पप्पू ने बताया

"पिल्लू और मोती की आवाज सुनाई दे रही, थोड़ा कम झूठ बोला कर"! राम ने कहा

"ठीक है, कम सच बोलता हूं, एक सेटिंग से मिलने आया था, वह तो नहीं मिली पर उसकी सैंडल बहुत मिली, पिल्लू और मोती मेरे साथ है, शाम को घर जा रहे थे, तो रास्ते में सिनेमा नजर आई, अब गांव में जाने का इरादा खत्म हो गया है, 9:00 से 12 का शो देखेंगे तेरे, घर खाएंगे, पिएंगे, सोएगे और सुबह, बिना चाय पिए, चले जाएंगे"! पप्पू ने कहा

"देख यार,, मेरी पत्नी बहुत धार्मिक किस्म की है, उसे मांस मदिरा खाने पीने वाले लोगों से सख्त नफरत है, अगर तुझे दोबारा मेरे घर देख लिया तो भड़क जाएगी, मैंने एक बंगला लिया है, तुम वहां चले जाना और जो भी खाना, पीना मस्ती करना है, वहां जाकर करना, अपने मैनेजर के साथ चाबी भिजवा रहा हूं"! राम ने कहा

"अरे वाह,,,मतलब तू अमीर बन गया पर बात अभी भी गरीबों जैसी कर रहा है, हम अप्सरा सिनेमा हॉल के सामने खड़े हैं, चाबी भिजवा देना"! पप्पू ने कहा

"ठीक है, भिजवाता हूं"!

राम बात करके मुड़ता है तो अपने सामने, मैनेजर को देखता है -"बंगले की बुराई, किसी के भी सामने मत करना और खासकर मेरी पत्नी के सामने"! राम ने स्पष्ट कहा

"ठीक है, "सर"! "समझ गया, सुबह गैस प्लांट वाली, साइट पर चलना है, अब चलता हूं"! मैनेजर ने कहा

"अप्सरा टॉकीज के सामने, मेरा दोस्त पप्पू बेवड़ा मिलेगा, उसे बंगले की चाबी दे देना और बंगले की बुराई किसी से मत करना"!

मैनेजर गर्दन हिला कर चला जाता है

फिर राम अपनी पत्नी और ससुर के पास आता है वह दोनों बातें कर रहे हैं -"पापा बंगला कैसा लगा, आपको"?

"बंग्ला नहीं, महल है, महल, मेरा तो वहां से आने का मन ही नहीं कर रहा था,जमाई जी, जबरदस्ती ले आए, वहां ना तो भूख लगती है, ना प्यास लगती है, बस बैठे-बैठे संध्या के साथ शतरंज खेलते रहो"! ससुर ने बताया

"यह संध्या कौन है "?जानकी ने आश्चर्य से पूछा

"वहां एक बिल्ली रहती है, उसका नाम संध्या है"! राम ने बहाना करके बताया

"मुझे बिल्लियां पसंद नहीं है, उनका घर में होना अपशगुन माना जाता है, उसे कहीं छोड़ आना"! जानकी ने राम से कहा

"वह हमें भगा देगी पर वहां से नहीं जाएगी, क्योंकि वह हमसे पहले से वहां रह रही है, वह बंग्ला उसी का है"! ससुर ने कहा

"वह बंग्ला बिल्ली का है, हा,,, हा,,,"!संध्या हसते हुए कहा

"तुम यहां बातें ही करोगी या हमें खाना भी खिलाओगी, पापा ने भी सुबह से कुछ नहीं खाया है"! राम ने कहा

"ठीक है, अभी लगाती हूं"!

5 घंटे बाद

उधर दूसरी तरफ, पप्पू बेवड़ा, पिल्लू और मोती टॉकीज से फिल्म देखकर बाहर आते हैं और एक ऑटो वाले को रोकते हैं

"हां"! "भैया, कहां जाना है"? ऑटो वाले ने पूछा

"बंग्ला नंबर 217""! पप्पू ने बताया

"अरे,,,"पागल है क्या"? वहां कोई दिन में जाना पसंद नहीं करता, तुम रात में जाने की बात कर रहे हो, मेरी मौत आई है क्या"? ऑटो वाला यह कह कर चला जाता है

"आखिर कैसे राम के ससुर के हाथों का नींबू राख बन गया"?"क्या सच में राम का ससुर, किसी अदृश्य शक्ति के साथ शतरंज खेल रहा था"?"आखिर क्यों राम को उसे बंगले में, अपनत्व की अनुभूति होती है"?"आखिर राम के अतीत से जुड़ी, वो किसकी यादें हैं, जो राम को समझ नहीं आ रही है"?"आखिर क्यों वह ऑटो वाला "बंग्ला नंबर 217" सुनते ही अपने कस्टमर को गाली देकर भाग गया"!"क्या सच में "बंग्ला नंबर 217" में कोई भयानक आत्मा रहती है या यह अफवाह है"?जानने के लिए पढ़ते रहिए "बांग्ला नंबर 217"

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